"सैरा गौं".. इस गढ़वाली गाने ने छू लिया सबका दिल..इसे सुनकर दिल कहेगा वन्स मोर..देखिए वीडियो

 ‘ऊंचा हिवाला का नीस, मेरौ रौंत्येलो मुलुक...’ अहा।

बहुत समय बाद एक ऐसा गढ़वाली गीत आया है जिसे सुनकर देवभूमि उत्तराखंड की ओर आपका दिल खिंचा चला जायेगा और सुनने के बाद दिल कहेगा वन्स मोर प्लीज।  यूँ तो गढ़वाली गाने पर मैंने बहुत से रिव्यु किये हैं मगर कुछ एकाद ही ऐसे गाने होते हैं जिनका नशा लम्बे समय तक बना रहता है। ये भी कुछ ऐसा ही गाना है।  इस गाने का नाम है "सैरा गौं"। यह हिमश्री प्रोडक्शन के बैनर तले बना एक खूबसूरत गीत है। जिसके बोल लिखे हैं गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने, आवाज है अमित खरे  की और संगीत दिया है पांडवाज के ईशान डोभाल ने।

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गाने की खूबसूरत बात है कि इस गाने में मिठास है उत्तराखंड के आबोहवा की और खुशबू है पहाड़ की। गाने को सुनने के बाद मेरे शब्द भी थोड़े टूट फूट रहे हैं इसमें मेरा कसूर नहीं है।  ये जादू है  नरेंद्र सिंह नेगी का जिनके लिखे हर शब्द गायक अमित खरे ने इस खूबसूरती से गाये हैं कि आपके मन का कोई हिस्सा इस गाने में ठहर जायेगा। ऊपर से पांडवाज के ईशान डोभाल द्वारा दिया गया खूबसूरत संगीत धुनों के किसी समंदर जैसा लगता है जिसकी लहरें मन को छूकर एक अलग एहसास देती हैं। देखिये वीडियो।



सैरा गौं गाने के लांच होते ही  इसे बहुत प्यार मिल रहा है। सोशल मीडिया पर इसे लोगों द्वारा  खूब शेयर भी किया जा रहा है। इसका खास कारण है कि सैरा गौं नाम से लॉन्च इस गाने में उत्तराखंड की मिट्टी की खुशबू है। ऊपर से इस कठिन वक्त में हर किसी को छोड़ चले उस पुराने घर के मायने खूब समझ आ रहे होंगे। रिमिक्स, डीजे के इस दौर में पांडवाज का यह गाना कानों के सुकूं जैसा है।  इससे पहले भी पांडवाज द्वारा बेहद खूबसूरत गीत दिए गए हैं जिसमें शामिल है "फुलारी", "टाइम मशीन" और उत्तराखंडी लोकसंस्कृती की बरसों पुरानी परंपरा "मांगल गीतों" की श्रृंखला। उत्तराखंडी संगीत और लोकसंस्कृति को पहचान देने में उनके प्रयास किसी से छुपे नहीं हैं।  खुशी होती है उनके जैसे युवा उत्तराखंड के लोकसंस्कृति और लोककला के लिए प्रयासरत हैं। खैर अब शब्दों को विराम देते हैं और छोड़ के चलते हैं इस खूबसूरत गीत "सैरा गौं" के साथ।  देखिये वीडियो।

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