IIT-रुड़की और DRDO ने रेडियो फ्रीक्वेंसी पावर एम्पलीफायर विकसित किया, डिवाइस कम-शक्ति वाले रेडियो-आवृत्ति संकेतों को उच्च-शक्ति में बदलेगा


IIT-रुड़की और DRDO ने रेडियो फ्रीक्वेंसी पावर एम्पलीफायर


एक संयुक्त अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) पहल में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी रूप से रेडियो फ्रीक्वेंसी पावर एम्पलीफायर बनाए हैं । भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किए गए ये एम्पलीफायर कम-शक्ति वाले रेडियो-आवृत्ति संकेतों को उच्च-शक्ति वाले आवृत्ति में बदल देंगे। 

डिवाइस, DRDO की डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स एप्लीकेशन लेबोरेटरी (डील) में विकसित किया गया है, शोधकर्ताओं के अनुसार यह दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात सेना की इकाइयों के लिए काफी उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि "डिवाइस आकार, वजन और शक्ति के मामले में वैश्विक निर्माताओं द्वारा विकसित समान उत्पादों से बेहतर है"। 
IIT-रुड़की और DRDO ने रेडियो फ्रीक्वेंसी पावर एम्पलीफायर


उत्पाद विकास गतिविधि में लगभग दो साल लगे और इसे केंद्र की 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत शुरू किया गया। अधिकारियों ने कहा कि IIT-रुड़की-DRDO संयुक्त उद्यम का उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के साथ रक्षा उपकरणों को अपग्रेड करना था।
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आईआईटी रुड़की के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ करुण रावत ने कहा, "हमने दो प्रकार के एम्पलीफायर डिवाइस विकसित किए हैं - अल्ट्रा-हाई फ्रीक्वेंसी सैटेलाइट कम्युनिकेशंस पावर एम्पलीफायर और लो-बैंड पावर एम्पलीफायर। यह उपकरण बाजार में वर्तमान में उपलब्ध उपकरणों की तुलना में आकार में छोटे, वजन में हल्के और पावर ट्रांसमिशन में उच्च हैं।" 


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