UKSSSC परीक्षा धांधली में केंद्रपाल को पुलिस ने किया गिरफ्तार, यूपी से लेकर उत्तराखंड में नकल माफिया का प्रमुख सरगना

 उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) परीक्षा धांधली में एसटीएफ ने शुक्रवार को गिरफ्तार मुख्य आरोपी हाकम सिंह के मुख्य परिचितों में से एक केंद्रपाल को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ ने हाकम सिंह से तीन दिनों तक पूछताछ करने के बाद, संदेह किया था कि हाकम, जिसे पेपर लीक के पीछे के मास्टरमाइंडों में से एक के रूप में जाना जा रहा था, "लीक प्रश्न पत्र को हल करने में उम्मीदवारों को रसद प्रदान करने में मदद कर सकता है और असली दिमाग के पीछे घोटाला कोई और हो सकता है।"

कौन है केंद्रपाल ? 

एसटीएफ से मिली सूचना के अनुसार केंद्रपाल वर्ष 1996 में टेंपो चलाता था। कुछ वर्षों तक उसने रेडिमेड कपड़ों की दुकान भी चलाई। इसके बाद कपड़ों की सप्लाई करने लगा। वर्ष 2011 में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह से जुड़ गया। 

धामपुर के केंद्रपाल की गिनती पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े नकल माफिया में होती है। उसने महज 10 वर्षों में नकल गिरोह से जुड़कर करोड़ों की संपत्ति जुटा ली। धामपुर में तो उसकी करोड़ों की जमीनें हैं ही, वह सांकरी में हाकम के रिजॉर्ट में पार्टनर भी है। चंदन मनराल का भी वह पुराना जानकार है। एसटीएफ उसके बारे में अन्य जानकारियां भी जुटा रही है।
केंद्रपाल की संपत्ति- 
हाकम के सहयोगी केंद्रपाल की करीब 12 बीघा जमीन धामपुर में है। वहीं धामपुर में आरोपी का एक आलीशान मकान भी है। इसके अलावा यह सांकरी में हाकम सिंह के साथ रिजॉर्ट में पार्टनर भी है। 

 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एसटीएफ अजय सिंह के अनुसार, केंद्रपाल को गहन पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था और उसके खिलाफ सबूत जुटाए गए थे। उन्होंने ही उम्मीदवारों को धामपुर लाने में हाकम की मदद की, जहां उन्होंने परीक्षा से एक दिन पहले लीक हुए प्रश्न पत्र को हल करने में उनकी मदद की । प्रश्न पत्र लीक करने का अपराध साथ ही, दोनों कई व्यावसायिक हितों में भागीदार हैं।" 

हाकम स्थानीय अदालत द्वारा दी गई तीन दिन की पुलिस रिमांड पर एसटीएफ के साथ था। सोमवार को रिमांड खत्म हो गया जिसके बाद उन्हें फिर से जेल भेज दिया गया। 
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वहीं एक समाचार पत्र के माध्यम से यह जाँच कर रहे अधिकारी ने कहा, "हम मानते हैं कि हाकम एक अन्य प्रमुख आरोपी के निर्देशों का पालन कर रहा था। वह लीक हुए प्रश्न पत्र को खरीदने के इच्छुक उम्मीदवारों को खोजने और फिर उन्हें एक ठिकाने पर ले जाने में शामिल था। उसने लीक हुए प्रश्न पत्र को हल करने में मदद की थी। जांच से खुलासा हुआ था कि उसने ऐसा अकेले नहीं बल्कि किसी बड़े के निर्देशन में किया था।"

 सिंह ने कहा, "एजेंसी उनसे पूछताछ के बाद कई बिंदुओं को जोड़ने में सफल रही। जांच से पता चला मामले का केंद्र धामपुर था, वहीं यूपी में इसी तरह के धोखाधड़ी के मामलों में केंद्रपाल की संलिप्तता सामने आई है। उसने हाकम को उत्तराखंड में इसी तरह का अपराध करने में मदद की।"

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