देहारदून में मौजूद चकराता के खबूसूरत नजारों के सामने मसूरी - शिमला भी फेल

दोस्तों यूं तो आपने वो मशहूर गाना तो सुना ही होगा जिसमें गायकार चंबा जाने की बात करता है मगर मैं अगर आप को कहूँ कि उत्तराखंड के ही कई शिमला और चंबा हैं तो आपको सुनकर हैरानी होगी। आज हम को उत्तराखंड की राजधानी देहारदून में ही मौजूद चकराता में कई ऐसे खूबसूरत जगहों के बारे में बतायेंगे। जिसके सामने शिमला और मसूरी भी फीके लगने लगेंगे। 
चकराता उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी देहरादून से महज 88 किलोमीटर की दूरी पर है। यह एक छोटा सा छावनी क्षेत्र है। जो अपनी अद्भुत खूबसूरती के लिए खासा प्रसिद्ध है। यहाँ मौजूद कुछ ऐसे नैसर्गिक नजारे हैं जिन्हें देख कर आपको स्वर्ग सी अनुभूति होगी। 

हम आपको इस पोस्ट में चकराता में मौजूद उन्हीं खूबसूरत नजारों के बारे में बतायेंगे जिन जगहों पर जाकर आप भी प्रकृति के इस बला की सुंदरता को छूना और महसूस करना चाहोगे। 
 

देहरादून चकराता में घूमने की जगहें

दोस्तों देहरादून चकराता उत्तराखंड की धड़कन कहे जाने वाले शहर द सिटि ऑफ लव के ही नजदीक है। चकराता में ना सिर्फ आपको ऊंचे-ऊंचे पहाड़, जंगलों के बीच खन-खन की आवाज करते झरने और मखमली घास की चादर देखने को नहीं मिलेगी बल्कि यहाँ आकर आप इस जगह के सांस्कृतिक और पौराणिक महत्व से भी जुड़ेंगे। तो आइए जानते हैं चकराता में मौजूद उन जगहों को - 

1.) टाइगर फॉल

टाइगर फॉल्स चकराता से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। जो घने जंगलों के बीच एक जगह है, जहां 312 फीट की ऊंचाई से एक झरना बहता है। भारत का सबसे ऊँचा सीधा जलप्रपात कौन सा है। यह स्थान पर्यटकों के लिए पिकनिक स्पॉट और ट्रेकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है।

2.) बुधेर गुफाएं

यह चकराता से लगभग 30 किमी दूर है। इसे मिओला गुफाओं के नाम से भी जाना जाता है। एडवेंचर पसंद करने वाले लोग 150 मीटर लंबी इस गुफा में आ सकते हैं और गुफा में घूमने का शानदार अनुभव ले सकते हैं। ये गुफाएं मुख्य रूप से चूना पत्थर से बनी हैं।

देववन चकराता


3.) देववन चकराता

समुद्र तल से 2220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित देववन से हिमालय की पहाड़ियों का बेहतरीन नजारा दिखता है। पूरा क्षेत्र देवदार के पेड़ों से बने जंगलों से घिरा हुआ है। पर्यटकों को इस जंगल में पक्षियों की अनोखी प्रजाति देखने को मिलती है। बर्ड वॉचिंग के शौकीन लोगों के लिए यह जगह बहुत ही अच्छा पिकनिक स्पॉट है।
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4.) बुधेर वन

एशिया के सबसे अच्छे जंगलों में से एक बुढेर है। यह चकराता के पास लगभग 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मखमली घास का मैदान बुधेर के नाम से जाना जाता है। चूना पत्थर की प्रचुरता के कारण यहाँ कई छोटी गुफाएँ भी बनी हुई हैं। देवदार के पेड़ों के बीच वन विभाग द्वारा बनाया गया विश्राम गृह भी है। जो पर्यटकों के लिए एक बहुत ही सुखद अनुभव प्रदान करता है।

लाखमंडल



5.) लाखमंडल

यह चकराता से 62 किमी की दूरी पर स्थित है और समुद्र तल से 1372 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। लखमंडल के इस क्षेत्र में करीब सवा लाख शिवलिंगों का संग्रह है। यहां यमुना नदी के तट पर एक प्राचीन शिव मंदिर बना है, जिसकी ऊंचाई करीब 18 फीट है। और यहां के स्थानीय निवासी इस मंदिर को पांडव काल कहते हैं।

महाशु देवता


6.) महाशु देवता

चकराता में महाशु देवता का सबसे प्रसिद्ध मंदिर चकराता के हनोल में स्थित है। नागर शैली में बना यह मंदिर समुद्र तल से करीब 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां के स्थानीय लोगों के देवता महाशु देव हैं।

7.) तुनी बाजार

चकराता में चार जिलों का केंद्र है। जो उत्तराखंड के देहरादून-उत्तरकाशी जिले और हिमाचल प्रदेश के शिमला-शिरमोर जिले का केंद्र है। यह जगह समुद्र तल से करीब 1000 मीटर की ऊंचाई पर बनी है।


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