रुद्रप्रयाग गुलाबराय स्तिथ पौराणिक धारे से जब निकला सालभर बाद पानी, सबने कहा भोलनाथ का आशीर्वाद

                                          रुद्रप्रायग गुलाबराय स्तिथ पौराणिक धारे

इसे भोलेनाथ की कृपा ही समझें या कोई प्राकृतिक चमत्कार मगर सालभर बाद जब गुलाबराय में पूर्णरूप से सूख चुके पौराणिक प्राकृतिक जल स्त्रोत (धारे) से जब पानी निकला तो सबने इसे दैवीय चमत्कार के रूप में कहा। 

जी हाँ खबर रूद्रप्रयाग मुख्यालय स्थित गुलाबराय की है जहाँ सोमवार को जब पूर्ण रूप से सूख चुके पौराणिक जल धारे से पानी फिर से बहने लगा तो स्थानीय लोग खुशी से झूम उठे। कुछ स्थानीय लोगों ने इसे चमत्कार मानते हुए मां गढ़ देवी की कृपा भी बताया। खबर - भगवान कार्तिकेय के मंदिर की भव्य तस्वीरें

यह प्राकृतिक जलधारा बद्रीनाथ-केदारनाथ मुख्य राजमार्ग में स्थित गुलाबराय में है। बताया जाता है कि यह धारा तकरीबन सौ साल से इस क्षेत्र के लोगों की प्यास बुझा रहा था । सालभर पहले रेलवे निर्माण कार्य में अंडरग्राउंड टनल के निर्माण के चलते इस पारम्परिक जल स्रोत का पानी पूरी तरह सूख गया था जिससे स्थानीय लोगों में निराशा थी और लोग दुखी थे।

आजकल जब बरसात के चलते नगर क्षेत्र में सभी जगह गंदा पानी आ रहा था तो लोग  इन्हीं प्राकृतिक स्त्रोंतों पर आश्रित थे। गुलाबराय के स्थानिय लोग जो इस धारे पर निर्भर थे वे भी साफ पानी के लिए रूद्रप्रयाग कैंट मार्ग पर पानी भरकर ला रहे थे। मगर सोमवार की सुबह जब प्राकृतिक धारे से अचानक पानी बहने लगा तो लोग उत्साहित हो उठे। कई लोगों ने उत्तराखण्ड में स्थित प्राकृतिक जल स्त्रोतों के पुनर्जीवन की भी प्रशासन से मांग उठाई। 



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